बड़वानी

माता-पिता बच्चों को सुविधा देकर परजीवी बना देते हैं- योग गुरू सोनी

पानसेमल। बच्चों को जितनी सुविधाएं दी जाती है। उतना ही वे सुविधाओं के गुलाम और निर्बल होते जाते हैं। इसके बदले उन्हें सुविधाएं कम देनी चाहिए और जीवन की कठिनाइयों को सहन करने की शिक्षा देनी चाहिए। तभी वे आत्मनिर्भर नागरिक बनेंगे। उक्त विचार योग गुरु कृष्णकांत सोनी ने शासकीय जनजाति कन्या आश्रम दोंदवाडा कि छात्राओं एवं शिक्षकों के समक्ष निशुल्क योग शिविर में कहे। योग गुरु ने आगे बताया कि जब बच्चे पढ़ते हैं तो उस दौरान उन्हें कोई घर का काम करने के लिए नहीं कहा जाता है। कोई कार, कोई टू व्हीलर से स्कूल जाता है। इसी कारण वे आलस्य का शिकार हो रहे हैं। पढ़कर उनके पास डिग्री या सर्टिफिकेट होता है, परंतु कोई हुनर नहीं होता है। माता-पिता सुविधा देकर बच्चों को परजीवी बना देते हैं। पढ़ते-पढ़ते या नौकरी करते-करते वे विवाह कर लेते हैं। नया फ्लैट खरीदने के लिए बैंक से लोन ले लेते हैं। लेकिन माता-पिता पुराना लोन चुकता करते रहते हैं और वह रास्ता देखते रहते हैं, बेटा हमारे परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी संभाल लेगा। यह सोच सोच कर अपना रोग बढ़ाते रहते हैं। माता पिता स्वयं एवं बच्चों को योग प्राणायाम का अभ्यास करवाये तो दोनों आलस्य, परजीवी, रोग, लोन, एवं नकारात्मक सोच से बचकर माता-पिता की जिम्मेदारी संभाल पाएंगे। निशुल्क योग शिविर में छात्राओं ने पैरों के सूक्ष्म व्यायाम, पट्टा नौकासन, व्रज त्रिकोण आसन, गिलोय आदि का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवसर पर अधीक्षिका सीमा खेड़कर, भंवरलाल तटवाड़े, सुखराम तरोले, गणेश सोलंकी आदि के साथ छात्राएं उपस्थित थीं।

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