पानसेमल; रोगों से बचने के लिए योग प्राणायाम के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं- योग गुरू सोनी
पानसेमल। व्यक्ति, व्यक्ति को मूर्ख बना सकता है, लेकिन रोगों को नहीं। संसार में अधिकांश लोग एक दूसरे को मूर्ख बनाकर स्वयं खुश होकर, सुख सुविधा जुटा लेते हैं। उक्त विचार योग गुरु कृष्णकांत सोनी ने शासकीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय पानसेमल की छात्राओं के समक्ष निशुल्क योग शिविर में कहे। योग गुरु ने आगे बताया कि कोई व्यक्ति झूठ बोलकर, लालसा देकर, किसी का भावनात्मक शोषण के द्वारा, अपनत्व का पाखंड दिखाकर, विभिन्न पेतरो के माध्यम से आवश्यकता से अधिक सुख सुविधा झूठा लेते हैं। फिर स्वयं को मूर्ख बनाकर रोगों को आमंत्रित करता हैं और मृत्यु तक रोगों से लड़ते रहता हैं। उन्हें ऋतु चर्या का ज्ञान नहीं, दिनचर्या से दूरी बनाकर जीवन जीना, मिलावटी वस्तु की पहचान नहीं, धन खर्च करने का ज्ञान नहीं, मात्र उन्हें आवश्यकता से ज्यादा धन एकत्रित करना कि कला आती है। इन्हीं कर्म से मानसिक रोग कुछ समय बाद शारीरिक रोग में बदल जाते हैं। इसी प्रकार शारीरिक रोग कुछ समय बाद मानसिक रोगों में बदल जाते हैं। सोनी ने कहा कि रोगों से बचने एवं स्वस्थ रहकर शारीरिक मानसिक तनाव हमेशा हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए योग प्राणायाम के अलावा दूसरा कोई उपाय ही नहीं है। अतः योग प्राणायाम को जीवन में महत्व दे। निशुल्क योग शिविर में प्राणायाम एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने हेतु एवं रक्त संचरण सुचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्न योग के गुर सिखाए। इस अवसर पर वार्डन मीरु खरडे एवं 100 बालिकाओं ने निशुल्क योग के गुर सीखे।