सेंधवा; 2005 से काबिज भूमिहीन किसानों को सरकार देगी वन अधिकार के पट्टे, कुछ संगठन भ्रांतियां फैला रहे है-आर्य
सेंधवा। वर्ष 2005 से काबिज भूमिहीन किसानों को सरकार देगी वन अधिकार के पट्टे। कुछ अनुसूचित जनजाति के संगठन लोगों में वन अधिकार पट्टे को लेकर गलत भ्रांतियां फैला कर जनता को गुमराह कर अफवाह फैला रहे है, जो उचित नहीं है। वन अधिकार के पट्टे अभी भी दिए जाएंगे। उक्त बात अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने बुरहानपुर विधानसभा से आए ग्रामीण के बीच व्यक्त की। उक्त जानकारी भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने दी।
अग्रवाल ने बताया की अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य मप्र व महाराष्ट्र के दौरे पर है। इस दौरान रविवार को स्थानीय कार्यक्रम में सम्मिलित होकर अपने सेंधवा स्थित निवास पर आए। इस दौरान बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचंल के लोगों ने जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रदीप पाटिल के नेतृव में आर्य से मुलाकात कर अपनी समस्या से संबंधित पत्रक सौंपा। इस दौरान अधिकतम किसानों ने वन अधिकार के पट्टे दिए जाने की मांग रखी। अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य ने कहा की 2005 से पहले भूमि पर काबिज भूमिहीन को सरकार वन अधिकार के पट्टे देगी। आर्य ने कहा की कागज में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। कई बार कागज की कमी या किसी के नाम पर रेवन्यू भूमि होने से भी प्रकरण रद्द हो जाते है। जो भूमिहीन किसान जो 2005 से पूर्व से जमीन पर काबिज है, उन्हें सरकार द्वारा वन अधिकार के पट्टे दिए जाएंगे। आर्य ने कहा की वे नेपानगर के दौरे के दौरान वहां के लोगों ने भी वन अधिकार के पट्टे की मांग रखी गई थी। जिसमे मैने बताया था की 2005 से पूर्व काबिज भूमिहीन किसानों को वन अधिकार के पट्टे दिए जाएंगे। किंतु कुछ संगठन के लोग वन अधिकार के पट्टे के संबंध में भ्रांतियां फैला कर लोगो को गुमराह कर रहे है। मैने कभी नहीं कहा की सरकार ने जो पट्टे वितरित करना थे वे कर दिए अब किसी को कोई पट्टे नहीं मिलेंगे। यह गलत है। कुछ संगठन जानबूझकर यह फितरत फैला कर लोगों को गुमराह कर गफलत पैदा कर रहे है। ऐसे लोग समाज के लिए घातक होते है। जो समाज को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनसे बचने की आवश्यकता है।
यह रहे मौजूद-
इस दौरान बुरहानपुर जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रदीप पाटिल के साथ बुरहानपुर विधानसभा से आए ग्रामीण जनपद सदस्य गंगाराम अखाड़िया, मनोज दांगोड़े, कमल पवार, कहारसिंग जमरे, शोभाराम पटेल, नानसिंग सरपंच, कनीराम सरपंच, गोरेलाल पटेल, गटल्या पटेल, सदासिंग पटेल, ताराचंद पटेल, राजमल पटेल, नारसिंग पटेल, रुस्तम पटेल, शुभाष पटेल सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहे।