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श्री रवि शंकर ने श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका में ऐतिहासिक सीता अम्मन मंदिर का उद्घाटन किया

बेंगलुरु: श्रीलंका सरकार के निमंत्रण पर, शांति के वैश्विक राजदूत और मानवतावादी नेता, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने श्रीलंका के सीता एलिया गांव स्थित अशोक वाटिका में सीता अम्मन मंदिर के ऐतिहासिक अभिषेक और कुंभाभिषेक समारोह की शोभा बढ़ाई।यह मंदिर भारत और श्रीलंका के मध्य आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों के महत्व को दर्शाता है। इस समारोह में भारत, नेपाल और श्रीलंका से आये अनेक भक्त सम्मिलित हुए। गुरुदेव ने कहा, “माता सीता करुणा, मातृत्व और धैर्य की प्रतिमूर्ति हैं।”

इस विशेष अवसर पर अयोध्या से लाया गया सरयू नदी का पवित्र जल प्रवाहित किया गया। यह मंदिर उस स्थान के महत्व को भी दर्शाता है जहां हनुमान जी ने माता सीता के पहली बार दर्शन किए थे, जिससे उनमें भगवान राम के साथ पुनर्मिलन की आशा जगी थी। गुरुदेव ने नेपाल के जनकपुर (माता सीता का जन्म स्थान), अयोध्या (भगवान राम का जन्म स्थान) और किष्किंधा यानी वर्तमान कर्नाटक (भगवान हनुमान का जन्म स्थान) से आये उपहार और आशीर्वाद प्रदान किये।
गुरुदेव ने साझा किया, “यह सभ्यताओं के मध्य हमारे प्राचीन संबंधों की पुष्टि करता है,” हमें नष्ट हो रहे मूल्यों को पुन: स्थापित करने की आवश्यकता है। राम राज्य वह समाज है जहां हम प्रकृति के नियमों के अनुसार सद्भाव, समृद्धि और आनंद से भरपूर जीवन जीते हैं। यह स्थान सम्पूर्ण विश्व की महिलाओं में पीड़ा मुक्त जीवन और एक न्यायपूर्ण एवं समृद्ध समाज की आशा जगाएगा।”
राजदूत फोरम द्वारा गुरुदेव को “मानवता के लिए वैश्विक शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के उनके आजीवन समर्पण और मिशन” हेतु आजीवन उपलब्धि पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।उनको प्रदान किए गये उद्धरण में यह भी उल्लिखित है कि गुरुदेव की यात्रा “श्रीलंका को हमारी जनता के सामने आने वाले चुनौतीपूर्ण समय से निपटने का साहस और बल प्रदान करती है।”

भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर श्रीलंका के रक्षा राज्य मंत्री, माननीय प्रेमिता बंडारा तेनाकून द्वारा गुरुदेव का उत्साह पूर्वक स्वागत किया गया। गुरुदेव श्रीलंका के प्रधान मंत्री माननीय श्री दिनेश गुणवर्धने के मैत्रीपूर्ण निमंत्रण पर तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर गये थे।

गुरुदेव ने देश भर में आर्ट ऑफ लिविंग के 12 कौशल विकास केंद्रों का उद्घाटन भी किया। इन केंद्रों का लक्ष्य 5000 से अधिक युवाओं को कौशल प्रदान करके उन्हें नौकरी के लिए तैयार करना है।

आर्ट ऑफ लिविंग और श्रीलंका में तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग ने छात्रों के लिए उद्यमिता और नेतृत्व में पाठ्यक्रम और शिक्षकों के लिए शिक्षक-प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके अतिरिक्त, बैंगलोर स्थित श्री श्री कॉलेज ऑफ आयुर्वेदिक साइंस एंड रिसर्च ने अनुसंधान और नवाचार पर सहयोग करने के लिए गमपाहा विक्रमाराचची विश्वविद्यालय (देश में योग में डिग्री प्रदान करने वाला एकमात्र विश्वविद्यालय) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

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