बड़वानी; कृषि अवसंरचना के निर्माण से क्षेत्र में किया जा सकता है क्षेत्र का विकास-मण्डी प्रबंध संचालक श्री श्रीमन् शुक्ला
कृषि अवसंरचना निधि की जिला स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

बड़वानी राजेश नाहर। बड़वानी जिले में कृषि एवं उद्यानिकी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। जिले की बात करे तो कपास जिले की एक महत्वपूर्ण फसल है एवं अनाज फसलों में मुख्यतः गेहूं, चना, मक्का का उत्पादन किया जाता है। जबकि उद्यानिकी फसलों में मिर्ची, केला, भिण्डी, टमाटर क्षेत्र की मुख्य फसले है। जिले की सब्जियां तो तीन प्रदेशों में विक्रय हेतु जाती है। अतः जिले के किसान, स्व सहायता समूह, व्यापारी एवं उद्यमी क्षेत्र के लिए यह आवश्यक है कि वे कृषि अवसंरचना निधि के तहत प्रायमरी प्रोसेसिंग इकाई, ग्रेडिंग सोर्टिंग यूनिट, कोल्ड स्टोरेज, कस्टम हायरिंग सेंटर सहित अन्य परियोजनाओं को अपनाकर क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करे।
मण्डी बोर्ड के प्रबंध संचालक सह आयुक्त श्री श्रीमन् शुक्ला ने उक्त बाते शुक्रवार को साखी रिसोर्ट बड़वानी में कृषि अवसंरचना निधि के तहत आयोजित कार्यशाला के दौरान कही। इस दौरान उन्होने बताया कि देश में कृषि अवसंरचना में सुधार के क्रम को प्रोत्साहन एवं वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से कृषि अवसंरचना निधि योजना संचालित है। इस योजना के तहत की शुरूआत जुलाई 2020 में कृषि में, फसल कटाई उपरांत होने वाली क्षति को कम करने के उद्देश्य से की गई है। जिसमें एक लाख करोड़ रूपये का भारत सरकार द्वारा कोष सृजित किया गया है। योजना में बैंकों से ऋण लेने पर राशि रूपये 2 करोड़ तक योजना स्वीकृत होने पर 3 प्रति वर्ष की ब्याज की छूट हितग्राही को उपलब्ध कराई जा रही है।

किसान अपनी उपज का विक्रय कर सकते है फार्म गेट एप पर
कार्यशाला के दौरान मण्डी बोर्ड के प्रबंध संचालक सह आयुक्त श्री श्रीमन् शुक्ला ने उपस्थितों को फार्मगेट एप के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किसान गुगल प्ले स्टोर से फार्मगेट एप डाउनलोड करके भी अपनी उपज का विक्रय खेत से ही कर सकते है। उन्होने बताया कि किसान अपनी उपज की फोटो एवं मूल्य को इस एप पर दर्ज करे। जो लायसेंस व्यापारी है, और जो एप चलाते है उन्हे एप में किसान की उपज एवं मूल्य दिखाई देगा। अगर माल की क्वालिटी एवं मूल्य व्यापारी को समझ आता है तो व्यापारी अपनी सहमति एप पर दर्ज करेगा। तथा किसान को माल लेकर मण्डी में जाने की आवश्यकता नही होगी, व्यापारी खुद किसान के खेत में जाकर उसकी उपज का मूल्य देकर उपज खरीदेगा। इस एप के माध्यम से किसान भाईयों को जहां समय की बचत होगी, वही मण्डी में माल ले जाने के व्यय से भी मुक्ति मिलेगी।
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में कृषक अवसंरचना निधि की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. पूजा सिंह ने कृषि अवसंरचना निधि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए योजना के तकनीकी पक्षों के बारे में बताया। उन्होने उपस्थितों को बताया कि किस प्रकार से वे कृषि अवसंरचना निधि योजना का लाभ ले सकते है। साथ ही उपस्थित कृषकों, व्यापारियो, उद्यमियों, स्व सहायता समूह की दीदीयों के द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर भी दिये।

यह थे उपस्थित
कार्यशाला में कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग, अपर संचालक मण्डी बोर्ड श्री चन्द्रशेखर वशिष्ठी, जिला पंचायत सीईओ श्री जगदीश कुमार गोमे, संयुक्त संचालक श्री महेन्द्र सिंह चौहान, उप संचालक डॉ. पूजा सिंह, उप संचालक, कृषि श्री आर.एल. जामरे, कृषि नोडल श्री गोविंद शर्मा, मंडी सचिव बड़वानी श्रीमती सुमन बड़ोले, मंडी सचिव खण्डेवा श्री ओम प्रकाश खेडे, सहायक उपनिरीक्षक श्री राहुल कुमार देवहारे, सहायक उपनिरीक्षक श्री आदित्य राज सिंह चौहान तथा बड़ी संख्या में कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, नाबार्डॉ बैंक व मंडी समितियों के सचिव एवं कर्मचारी, किसान एवं व्यापारी प्रतिनिधि कार्यशाला में उपस्थित थे।