नेशनल लोक अदालत (आपकी अदालत – आपका फैसला) 9 मार्च को

भीकनगांव, सत्याग्रह लाइव :- प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मण्डलेश्वर के मार्गदर्शन में शनिवार 24 फरवरी 2024 को आयोजित “समाधान आपके द्वारा’ योजना के अंतर्गत शिविर / लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड भीकनगांव के न्यायालय में लंबित प्रकरण एजेसीआर-203/2021 सपना वि० रवि में आवेदिका की ओर से अधिवक्ता हिमांशु अत्रे एवं अनावेदक की ओर से पवन लववंशी अधिवक्ताओ ने सिविल न्यायालय भीकनगांव में लंबित प्रकरण आरसीटी – 221/16 में आरोपी राकेश व फरियादी कमल जिसमें आरोपी के अधिवक्ता प्रेम उपाध्याय एवं फरियादी की ओर से गजानंद खन्ना अपर जिला लोक अभियोजक के समक्ष उभयपक्षों के मध्य आपसी राजीनामा “समाधान आपके द्वारा’ योजना के माध्यम से कराया गया।
इस अवसर पर किशोर कुमार निनामा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश भीकनगांव,राकेश भिड़े, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड भीकनगांव,साक्षी शुक्ला व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड टेनी जज भीकनगांव एवं रितु चौहान व मोनू निम्बालकर, पैरालीगल वालेन्टियर्स व नायब नाजिर हिरसिंह मोरे, एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण उपस्थित रहें। न्यायाधीश श्री निनामा ने बताया कि सामान्यजन एवं संबंधित पक्षकारों तथा समस्त अधिवक्ताओं को भी इस संबंध में सूचना दी गई है कि दिनांक 9 मार्च 2024 शनिवार को जिला न्यायालय प्रांगण मण्डलेश्वर तथा न्यायालय – खरगोन, भीकनगाँव, बड़वाह, सनावद, कसरावद, व महेश्वर में लोक अदालत का आयोजन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक किया जायेगा। लोक अदालत मे समस्त न्यायालयों में लंबित दीवानी वाद, पारिवारिक विवाद, दुर्घटना दावा, धारा 138 चैक बाउन्स, श्रम न्यायालय के प्रकरण, उपभोक्ता विवाद, नगर पालिका के जलकर, संपत्तिकर, बिजली चोरी के मुकदमा पूर्व प्रकरण (प्री लीटीगेशन) तथा राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, भरण-पोषण, भू-अर्जन, ग्राम न्यायालय अन्य संबंधित मामलों का निराकरण किया जायेगा। संबंधित पक्षकार अपने प्रकरण का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से करवाकर समय, तथा धन को बचाये और आपस में सोहार्दपूर्ण वातावरण निर्मित कर सकते हैं।

लोक अदालत में प्रकरण के निराकरण के फायदे – पक्षकारों के मध्य आपसी सदभाव उत्पन्न होता है व शत्रुता समाप्त होती है। समय, धन व श्रम की बचत होती है । ना किसी की हार होती है ओर ना किसी की जीत होती है दोनो पक्षो का सम्मान ही होता है। पक्षकारों के मामलों का स्वयं के द्वारा/सहमति से स्वयं के लाभ के लिए शीघ्र निराकरण होता है। न्यायालयो में प्रचलित वाद उभयपक्ष आपसी सहमति तथा राजीनामा के आधार पर लोक अदालत में निर्णीत कराये जा सकते है। न्यायालयो मे लंबित बिजली के मामलों में नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है।
लोक अदालत का आदेश / अवार्ड अंतिम होता है व इसके विरुद्ध कोई अपील नहीं होती है। अवार्ड की निःशुल्क सत्य प्रतिलिपि पक्षकारों को प्रदान की जाती है। बैंक ऋण के प्रकरणों में ब्याज में नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है। पक्षकारों के मध्य विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।
दीवानी प्रकरणों एवं चेक बाउन्स के मामलों में नियमानुसार कोर्ट फीस वापिस प्राप्त हो जाती। एवं चेक बाउन्स के मामलों में समन शुल्क से भी छूट प्राप्त होगी।
“हाथ बढाये,उन तक पहुँचे, न्याय जरूरी जिन्हें जहाँ “ का नारा बुलंद करते हुए पेरालिगल वालेंटियर्स को भी अधिक से अधिक समझौता योग्य लंबित प्रकरणों के पक्षकारों को समझाइश देकर नेशनल लोक अदालत में आकर लाभ देने हेतु निर्देशित किया गया है।
