शनिवार को निकलेगी आस्था पैदल यात्रा, नवलपुरा से शुरू होकर बिजागढ में होगा समापन-प्रेस वार्ता में सामाजिक कार्यकर्ता पोरलाल खरते ने दी जानकारी

सत्याग्रह लाइव, सेंधवा। संस्कृति प्रकृति संविधान व लोकतंत्र संरक्षण अनवरत यात्रा के तृतीय चरण के तहत शनिवार से आस्था पैदल यात्रा राणी काजल माता मंदिर से बीजागढ़ तक निकलेगी। यात्रा को लेकर शहर के बाइपास रोड स्थित निजी होटल में शुक्रवार को प्रेस वार्ता आयोजित की गई।
यात्रा के संयोजक पूर्व स्टेट सेल टैक्स अधिकारी सामाजिक कार्यकर्ता पोरलाल खरते ने बताया कि आदिवासी समाज में काफी पिछड़ापन है। समाज के लोग आज भी कुरीतियों के बीच जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं। आधुनिकता की चकाचैंध में आज की युवा पीढ़ी समाज के आस्था श्रद्धा के केंद्रों को भूलते जा रहे है। इसी उद्देश्य को लेकर यात्रा के तृतीय चरण में आस्था पैदल यात्रा निकाली जा रही हैं। दो दिवसीय यात्रा के दौरान रास्ते में आने वाले गांवों में आस्था श्रद्धा केंद्र काकड़, बाबदेव, गोठान, नावणी, हिंदला बाबा, खेड़ापति हणुवत बाबा सहित अन्य स्थलों पर जाकर पारंपरिक रूप से पूजा अर्चना करके यात्रा आगे बढ़ेगी।
लोकतांत्रिक अधिकारों के संरक्षण के लिए शुरू की यात्रा-
पोरलाल खरते ने बताया कि आदिवासी समाज को संस्कृति, प्रकृति, लोकतांत्रिक अधिकारों के संरक्षण को लेकर मैने 31 अगस्त 2023 को 20 साल की शासकीय नौकरी छोड़कर समाज के लिए संस्कृति, प्रकृति, संविधान व लोकतंत्र संरक्षण अनवरत यात्रा की शुरू की थी। पहले चरण की यात्रा कार्य स्थल इंदौर से विदाई लेकर शुरू की, जो गृह गांव मैंदलियापानी तहसील वरला पर आकर समाप्त हुई।
दूसरे चरण की यात्रा संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्म स्थली महू से 30 दिसंबर से शुरू कर दादर नगर हवेली गुजरात तक की। इसी दौरान मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात के कई जिलों से होकर यात्रा गुजरी।यात्रा 17 दिन में करीब 1200 किमी यात्रा तय कर आदिवासी एकता परिषद के 31वां आदिवासी सांस्कृतिक एकता महासम्मेलन का हिस्सा बनी। इस अनवरत यात्रा का मूल उद्देश्य संस्कृति, प्रकृति, संविधान, लोकतंत्र के प्रति लोगों में जन जाग्रति लाकर संवेदना पैदा करना, जिससे कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी मूल संस्कृति जो वर्तमान काल व समय के अनुसार प्रासंगिक है। वह बची रहे, आगे बढ़े, प्रकृति सुरक्षित रहे और मानव का जीवन सुरक्षित रहे।
यह रहे मौजूद-
प्रेस वार्ता में आदिवासी एकता परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल रावत, जनपद उपाध्यक्ष सीताराम बर्डे, पूर्व सरपंच सिलदार सोलंकी, आदिवासी मुक्ति संगठन के प्रदेश प्रवक्ता विजय सोलंकी, पूर्व मंडी डायरेक्टर परसराम सेनानी, महेंद्र सेनानी, अमर सोलंकी, बहादुर कोठारी, मगन जमरे, संदीप लोहारिया सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।