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इंदौर ने लगातार 7वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता

भोपाल डेस्क। सत्याग्रह लाइव।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के अवार्ड घोषित हो गए हैं। इंदौर ने लगातार 7वी बार देश का सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल किया है। वहीं चार साल बाद भोपाल टॉप 5 में वापसी कर सका है। इसकी वजह सिक्स बिन है। स्वच्छता से जुड़े अफसरों की माने तो गीले, सूखे, मेडिकल समेत 5 तरह के कचरे की प्रोसेसिंग में भोपाल में बेहतर काम हुआ है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में फिर मध्यप्रदेश के इंदौर शहर ने लगातार 7वीं बार सबसे स्वच्छ शहर बने रहने की दौड़ में बाजी मारी है। नई दिल्ली में स्वच्छता सर्वेक्षण अवॉर्ड सेरेमनी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीएम मोहन यादव को अवार्ड सौंपा। गुजरात के शहर सूरत को भी सबसे स्वच्छ शहर के अवार्ड से नवाजा गया।स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में राजधानी भोपाल देश का पांचवा सबसे साफ शहर है। वर्ष 2022 में यह छठें पायदान पर था। 2017 और 2018 में भोपाल में देश में दूसरी रैंक हासिल की थी। साल 2019 में रैंक गिरकर 19वे पायदान पर पहुंच गई थी। वर्ष 2020 में भोपाल ने कमबैक किया और 7वें पायदान पर आ गया। 2021 में भोपाल ने अपनी यह स्थिति बरकरार रखी और अब 4 साल बाद भोपाल ने वापस टॉप 5 में अपनी जगह बना ली है।

सबसे स्वच्छ शहर
एक लाख से अधिक आबादी वाले शहर
1- इंदौर (मध्यप्रदेश)
2- सूरत (गुजरात)
3- नवी मुंबई (महाराष्ट्र)

एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में ये टॉप-3 शहर
1-सासवड (महाराष्ट्र)
2-पाटन (छत्तीसगढ़)
3- लोनावाला (महाराष्ट्र)

मप्र भारत का दूसरा सबसे स्वच्छ राज्य
महाराष्ट्र को राज्य की श्रेणी में स्वच्छता का पहला पुरस्कार मिला। मप्र ने इस बार भारत के दूसरे सबसे स्वच्छ राज्य का अवॉर्ड जीता है। ये पुरस्कार सीएम मोहन यादव ने ग्रहण किया। छत्तीसगढ़ को तीसरे सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार मिला।

मप्र का महू सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट
मप्र के महू को सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का अवॉर्ड मिला। ये अवॉर्ड डायरेक्टर जनरल जीएस राजेश्वरन ने प्राप्त किया।

2017 से इंदौर स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आ रहा
जनभागीदारी, नवाचारों और आपसी समन्वय वाले जज्बे ने ही हमें देश के दूसरे शहरों से आगे बनाए रखा है। इंदौर को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं कि दूसरे शहर जब किसी बात को करने का सोचते हैं, इंदौर उसे कर चुका होता है। आज जब देश के दूसरे शहर स्वच्छता का महत्व समझकर इसे अपनाने के बारे में विचार कर रहे हैं, हम स्वच्छता का सातवां आसमान छू चुके हैं। स्वच्छता को लेकर कहा जाता है कि यहां के लोगों की सिर्फ आदत नहीं, बल्कि त्योहार और संस्कार है।

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