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विधानसभा चुनाव में धनगर समाज को मिले प्रतिनिधित्व, 2016 में केंद्र सरकार द्वारा पारित

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर एकजुट हुआ धनगर समाज, आगामी विधानसभा चुनाव में प्रतिनिधित्व देने की मांग की

अनुसूचित जनजाति आदेश का हो पालन एवं धनगर समाज की उपजाति भारूड़ को धनगर जाति में शामिल करने की राज्य एवं केंद्र सरकार से की मांग

इन्दौर । विमुक्त घुमंतु एवं अर्द्धघुमंतु जनजाति महासंघ ने अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर पत्रकारवार्ता आयोजित की। प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानसिंह बघेल, जीएस धनगर एवं पटेल मधुसूदन धनगर ने पत्रकारवर्ता में अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार से जल्द से जल्द हल करने की बात कही। उन्होंने अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर कहा कि इन्दौर शहर धनगरों की राजधानी हुआ करता था। धनगर समाज की सभी उपाजातियों सहित 6 लाख की आबादी इन्दौर में धनगर समाज की है। धनगर समाज की इतनी आबादी होने के बाद भी राजनीतिक पार्टियां धनगर समाज की उपेक्षा कर रही हैं। धनगर समाज को न तो नगरी निकाय में कोई प्रतिनिधित्व मिला और न ही विधानसभा चुनाव में धनगर समाज के किसी भी व्यक्ति को प्रतिनिधित्व दिया जाता है। हम केंद्र एवं राज्य सरकार से मांग करते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में धनगर समाज को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए जिससे समाज और शहर का विकास हो सके। वहीं उन्होंने अपनी दुसरी मांग रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में एक आदेश पारित किया था जिसके अंतर्गत मध्यप्रदेश में धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति का लाभ दिया जाना था ताकि धनगर समाज भी इस प्रदेश में विकास की मुख्य धारा में शामिल हो। वह भी आदेश वर्तमान तक लागू नहीं किया गया। वहीं तीसरी मांग उन्होंने धनगर समाज की उपजाति भारूड़ को धनगर जाति में शामिल करने की राज्य एवं केंद्र सरकार से मांग की है। अपनी 3 सूत्रीय मांगो को लेकर महासंघ के पदाधिकारियों ने केंद्र एवं राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो भोपाल में 1 अक्टूबर को जनआंदोलन किया जाएगा। जिसमें 53 जिलों के कार्यकर्ता, वरिष्ठ समाजसेवी सहित महिला-पुरूष शामिल होंगे। जो केंद्र एवं राज्य सरकार से अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर विशाल आंदोलन करेंगे।

धनगर समाज को मिले प्रतिनिधित्व- प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानसिंह बघेल ने बताया कि मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 145 विधानसभा सीटों पर धनगर समाज बाहुल्य संख्या में है एवं कई वर्षों से प्रदेश की दोनों प्रमुख बड़ी पार्टियों से जुड़कर समाज सेवा करने का काम कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद धनगर समाज के लोगों को राजनीतिक हिस्सेदारी से दूर रखा गया है। मध्यप्रदेश में धनगर जाति बहुसंख्यक रूप में निवास करती है। फिर भी आज की स्थिति में किसी भी राष्ट्रीय पार्टी से एक भी जिलाध्यक्ष नहीं, एक भी विधायक नहीं, एक भी सांसद नहीं (लोकसभा एवं राज्य सभा) है। उन्होंने कहा कि जब भी बड़ी पार्टियों से टिकट मांगने की बात आती है तब धनगर समाज को अनदेखा कर दिया जाता है लेकिन इस बार धनगर समाज ने पूरे प्रदेश में एकजुट होकर अपना मन बना लिया है कि अगर धनगर एवं उसकी सभी उपजातियों को किसी भी पार्टी में प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है तो वह भोपाल में 1 अक्टूबर को जन आंदोलन करेगा एवं अपनी मांग को केंद्र एवं राज्य सरकार के समक्ष हजारों समाज बंधुओं की उपस्थिति में रखेगा।

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