हंसदास मठ पर नर्मदा के तपोनिष्ठ संत षणमुखानंद ने की पूजा-अर्चना
16 वर्ष तक मंदिर में और सात वर्ष तक नौका में विराजित रहे संत की गरिमापूर्ण अगवानी

इंदौर, । एयरपोर्ट रोड, पीलिया खाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर आज हरतालिका तीज के पर्व पर तपोनिष्ठ संत, मां नर्मदा के अनन्य उपासक और हीरापुर वाले स्वामी के नाम से प्रख्यात संत षणमुखानंद महाराज ने मां जगदम्बा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी देवी का विधिवत दिव्य पूजन-अर्चन कर समूचे मालवांचल में सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। पार्थिव शिवलिंग के नमक-चमक के साथ अभिषेक सहित विभिन्न अनुष्ठान इस दौरान संपन्न हुए।
मठ के पं. पवनदास महाराज ने बताया कि तपोनिष्ठ संत स्वामी षणमुखानंद नरसिंहपुर जिले के हीरापुर में मां त्रिपुर सुंदरी के अनन्य उपासक हैं औ 16 वर्षों तक उन्होंने मां के मंदिर में ही रहकर पूजा-अर्चना की है। वे सात वर्ष तक नौका में विराजित रहकर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना का भी कीर्तिमान बना चुके हैं। मां राज राजेश्वरी की दिव्य प्रतिमा हमेशा उनके साथ रहती है।आज सुबह हंसदास मठ पर पधारने पर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य में महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा और पं. पवनदास महाराज सहित अनेक संतों, महंतों ने उनकी अगवानी की। मठ पर रहते हुए उन्होंने दोपहर 12 बजे से लेकर रात आठ बजे तक एकाग्र चित्त होकर मां त्रिपुर सुंदरी का दिव्य रूद्राभिषेक भी किया और यज्ञ-हवन कर समूचे मालवांचल में सुख, शांति समृद्धि के लिए प्रार्थना भी की। वे प्रतिदिन चार घंटे नियमित पूजा-अर्चना करते हैं। उनके दर्शनार्थ मठ पर दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सायं 7.30 बजे हुई महाआरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मठ पर आगमन के बाद स्वामी षणमुखानंद ने पंचमुखी हनुमान, टीकमजी, रणछोड़जी एवं मठ की गौशाला तथा संस्कृत पाठशाला का भी अवलोकन किया और यहां चल रही धर्म, संस्कृति की सेवा को अनुपम एवं अनुकरणीय बताते हुए सबके कल्याण की कामना की।