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खजराना गणेश को बंधेगी विश्व की सबसे बड़ी व विशाल राखी

खजराना गणेश की राखी पर बनी ‘‘दुनिया’’ दर्शाएगी भारत की उपलब्धियों को

  • 3 माह से दिन-रात एक कर पुण्डरिक पालरेचा एवं उनकी टीम ने राखी पर नक्काशी कर भारत की उपलब्धियों को बताया
  • 30 से 40 कलाकारों ने खजराना गणेश सहित इन्दौर के 10 से अधिक अति प्राचीन मंदिरों की राखी भी तैयार की
  • उज्जैन महाकाल एवं चिंतामण गणेश को भी चढ़ेगी राखी, 24 से 36 इंच की राखियों में भारत की उपलब्धियों को दर्शाया

इन्दौर। खजराना गणेश को प्रतिवर्ष बांधी जाने वाली विश्व की सबसे बड़ी राखी इस वर्ष भी 31 अगस्त को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में बांधी जाएगी। 20 वर्षों से निरंतर चली आ रही खजराना गणेश को बांधी जाने वाली राखी को गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में भी स्थान प्राप्त हो चुका है। इस वर्ष खजराना गणेश को बांधी जाने वाली राखी की थीम भारत की उपलब्धियों को दर्शाई जाएगी। जिसमें दुनिया के साथ ही भारत का मानचित्र, चंद्रयान-3, नया संसद भवन, वंदे भारत एवं ईस्ट, वेस्ट, साऊथ और नार्थ में स्थित देशों को दर्शाया जाएगा। पुण्डरिक पालरेचा एवं शांतु पालरेचा ने बताया कि खजराना गणेश मंदिर के साथ ही इन्दौर के अति प्राचीन 10 मंदिरों पर भारत की उपलब्धियों की थीम पर तैयार की गई राखी बांधी जाएगी।
भारत की उपलब्धियां दर्शाई जाएगी राखी- पुण्डरिक पालरेचा एवं शांतु पालरेचा ने बताया कि इस वर्ष की राखी देश की उपलब्धियों पर बनाई गई है। जो पूर्ण रूप से हेंडवर्क से बनाई गई है। इसमें सलमा, सितारा, नग-नगीने व जरदोसी के साथ ही आर्टिफिशियल फ्लॉवर से तैयार की गई है। खजराना गणेश को बांधी जाने वाली विशाल राखी में दुनिया के साथ ही भारत का मानचित्र, चंद्रयान-3, नया संसद भवन, वंदे भारत, राष्ट्रीय चिन्ह एवं राजदंड सेंगोल की हुबहु प्रतिकृति इस राखी में बनाई गई है। देश भक्ति के साथ ही भारत की उपलब्धियों को दर्शाती खजराना गणेश की यह विशाल राखी देश की उपलब्धियों को सभी आमजनों के जहन को ताजा करेगी।
नग-नगिनों से तैयार की पोषाख – पुण्डरिक पालरेचा ने बताया कि खजराना गणेश को बांधी जाने वाली विशाल राखी के साथ ही भगवान गणेश की पोषाखों को भी नग-नगिनों से तैयार किया गया है। जिसमें भगवान की सूंड, आंखे, त्रिशूल के साथ ही गणेश परिवार की पोषाख तैयार की गई है।
इन्दौर के 10 अति प्राचीन मंदिर में भी बांधी जाएगी राखी- पुण्डरिक पालरेचा एवं शांतु पालरेचा ने बताया कि खजराना गणेश के साथ ही इन्दौैर के 10 अति प्राचीन मंदिरों के लिए भी 24 से 36 इंच की भारत की उपलब्धियों को दर्शाती राखी तैयार की गई है। जो 31 अगस्त रक्षाबंधन के पर्व पर एक साथ-एक समय पर सभी मंदिरों में बांधी जाएगी। खजराना गणेश के साथ ही पंचकुईया स्थित वीर अलीजा हनुमान मंदिर, बड़ागणपति मंदिर, मल्हारगंज स्थित छोटे गणपति मंदिर, सुभाष चौक स्थित मणिभद्रजी के साथ ही उज्जैन में बाबा महाकाल एवं चितांमण गणेश को भी यह राखी बांधी जाएगी।
3 माह का समय लगा राखी बनाने में-
खजराना गणेश सहित अन्य मंदिरों पर बांधी जाने वाली राखियां हेंडवर्क कर तैयार की गई है। जिसमें लगभग 3 माह का समय लगा। इस राखी को तैयार करने में 30 से 40 लोगों ने मिलकर तैयार किया है। जिसमें उन्होंने अपने हाथों से नक्काशी कर भारत की उपलब्धियों को दर्शाया है

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