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विद्यार्थी का जीवन विद्या से ही संवरता है- साध्वी रत्नरेखा

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट

रंगोली से सरस्वती की प्रतिकृति रही आकर्षण का केंद्र

लाभार्थी परिवार के साथ ही विद्यार्थियों व बच्चों ने भी किया पूजन

इन्दौर । विद्यार्थीयों को अगर अपने जीवन में कुछ हासिल करना हैं तो उसे अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए निरंतर उस दिशा में प्रयास करना होंगे जब तक उन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता। जिस प्रकार किसी व्यापार-व्यवसाय को प्रारंभ करने से पूर्व उसे सीखा व समझा जाता है उसी प्रकार विद्यार्थी का जीवन भी विद्या से ही संवरता है। उक्त विचार तिलक नगर स्थित गुरू राजेंद्र सूरी जैन आराधना भवन (छोटा मोहनखेड़ा तीर्थ) में रविवार को आयोजित सरस्वती महापूजन के अवसर पर साध्वी रत्नरेखा श्रीजी मसा ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि मां सरस्वती विद्या की देवी हैं और इनकी स्तुति व प्रार्थना करने मात्र से ही वह सभी विद्यार्थियों का कल्याण करती है। विद्या उसी को मिलती है जो अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होता है।

श्री राजेंद्र सूरी गुरू मंदिर एवं आराधना भवन समिति अध्यक्ष प्रवीण जैन एवं सचिव गोलू सकलेचा ने बताया कि रविवार को साध्वी श्री रत्नरेखा श्रीजी, अनुभवदृष्टा श्रीजी, कल्पदर्शिता श्रीजी मा.सा. की निश्रा में सरस्वती महापूजन का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ ने पूजन कर मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर मां सरस्वती की भव्य रंगोली से प्रतिकृति भी बनाई गई जो महोत्सव में मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में चंपालाल वर्धन, पृथ्वीराज कोठारी, आनंदीलाल अम्बोरा, कांतिलाल बम, अनिल मेहता, संतोष नाकोड़ा, शैलेष अम्बोर विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के मुख्य लाभार्थी राजेंद्र कुमार, एवं नीतिन चोपड़ा परिवार थे। कार्यक्रम का संचालन अभय बाफना ने किया एवं आभार शैलेष अम्बोर ने माना।

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