जैन समाज में छाया-उल्लास: आर्यिका माताजी व संसघ की अगवानी में उमड़ा समाज
अहिंसा कथनी में नहीं करनी से परिलक्षित होना चाहिए- आर्यिका विज्ञानमति म.सा.
इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट:—-
इंदौर । जिनकी आप जय बोलते हो उनके आचरण को भी जीवन में उतारेंगे तभी हमारा जयघोष सार्थक होगा। अहिंसा केवल कथनी से नहीं करनी से भी परिलक्षित होना चाहिए। गंगा बहे उसका उसका उतना महत्व नहीं है जितना उसमें डुबकी लगाकर जीवन उद्धार करने में है। गंगा में स्नान तो दूर की बात है अभी तो हाथ भी सही से नहीं धोए जाते हैं। आप सभी के जीवन में जीवन में गंगा आए और आप सब उसमें डुबकी लगा कर अपना जीवन धन्य बनाएं। यह बात तिलक नगर स्थित श्री चंदाप्रभु उपाश्रय में जैन साध्वी आर्यिका विज्ञानमति माता जी ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर साध्वी आदित्यमति माताजी ने भी सभी श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित किया।
राहुल जैन (स्पोटर््स), सचिन जैन (उद्योगपति) एवं सुदीप जैन ने बताया कि श्री दिगम्बर जैन तेहरपंथी धार्मिक एवं पारमार्थिक न्यास द्वारा मंगलवार को आर्यिका विज्ञानमति मसा का भव्य मंगल प्रवेश जुलूस संसघ के साथ निकला। जिसमें महिलाओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुरूष भी शामिल हुए। बैंड़-बाजों के स्वरलहरियों पर जहां अग्र भाग में पुरूष नाचते-झूमते चल रहे थे तो वहीं मध्य भाग में महिलाएं भजनों की प्रस्तुति देते हुए शामिल हुई। गिटारा चौराहा न्यू पलासिया से प्रारंभ मंगल प्रवेश जुलूस विभिन्न मार्गों से होता हुआ तिलक नगर पहुंचा। इस अवसर पर मार्ग में जगह-जगह गवली सजाकर साध्वीवृंद का स्वागत भी किया गया। तिलक नगर जिनालय में आर्यिका विज्ञानमति माताजी ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा भी की। मंगल प्रवेश जुलूस में अध्यक्ष विमल अजमेरा, मंयक सीए, राजू श्रीफल, मनोज छाबड़ा, देवेंद्र जैन, मनोज जैन, तरूण जैन, देव चौधरी, ऋषभ गुरू, राजीव जैन, सौरभ जैन सहित सकल दिगम्बर जैन समाज के प्रबुद्धजन शामिल थे।