साध्वी दीदी मां ऋतुंभरा देवी की कथा में उमड़ा भक्तों का जन सैलाब
हजारों मातृशक्तियों ने किए कलश धारण, भव्य शोभायात्रा निकली

निष्ठावान ही विपरित परिस्थितियों में भी लक्ष्य पाते हैं- साध्वी ऋतुंभरादेवी
इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट:–
इन्दौर । विपरित परिस्थितियों में लक्ष्य प्राप्ति में जिसकी निष्ठा होती है। वह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी विजय प्राप्त करता है। गर्व उनके लिए होता है जो अपने निष्ठाओं, आस्थाओं और ऊर्जाओं को धर्म के लिए समर्पित करता है। साधुवाद भगवान को ढूंढता है पर भगवान संत को स्वंय ढूंढते हैं और अपने बड़े कार्यों के लक्ष्य के लिए उनको निमित्त बनाते हैं। आपमें सत संकल्प हैं तो ईश्वरीय सत्ता आपको माध्यम बनाकर स्वंय आपसे कार्य करवा लेती है। सनातन धर्म के गौरव का संकल्प धर्म के प्रति निष्ठा आपको समस्त प्रतिकूलताओं से ऊपर उठाती है। उक्त बात देपालपुर स्थित चौबीस अवतार मंदिर महातीर्थ क्षेत्र में बुधवार से आयोजित श्रीराम कथा के प्रथम दिन साध्वी दीदी मां ऋतुंभरादेवी ने भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कथा में कहा कि विपत्ति जब आती हैं तो कायर को दशलाती है लेकिन सूरमा विचलित नहीं होते। ऐसा ही कार्य श्रीराम कथा के आयोजकों ने साबित कर दिखाया है। साध्वी दीदी मां ऋतुंभरा देवी ने सभी भक्तों को कथा में भगवान राम के आदर्शों पर चलने की सीख दी साथ ही उन्होंने कहा कि आज तो इन्दौर ही नहीं वरन संपूर्ण मालवा देवी अहिल्या बाई होलकर की जन्म जयंती गौरव दिवस के रूप में मना रहा है। गौरव उनके लिे होता है जो अपनी निष्ठाओं, आस्थाओं तथा ऊर्जाओं को धर्म के लिए समर्पित करता है। इसी प्रकार आज देपालपुर में राम कथा का शुभारंभ भी निर्जला एकादशी को होना सनातन के गौरव का संकल्प है।
श्री पुंजराज पेटल सामाजिक सेवा समिति एवं श्रीराम कथा आयोजक रामेश्वर गुड्डा पटेल ने बताया कि सुबह साधु-संतों के सान्निध्य में भव्य कलश यात्रा तेजाजी चौक से चौबीस अवतार मंदिर प्रांगण तक निकाली गई। यात्रा में बैंड़-बाजों की स्वरलहरियों पर जहां युवक-युवती नाचते-झूमते चल रहे थे तो वहीं यात्रा के मध्य भाग में हजारों की संख्या में उपस्थित महिलाएं अपने सिर पर कलश धारण कर मंगल गीत गाते हुए शोभायात्रा के मार्ग में चल रही थीं। यात्रा में बग्घि पर विराजमान साध्वी दीदी मां ऋतुंभरादेवी सभी भक्तों को अपना आशीष प्रदान कर कर रही थी। शोभायात्रा व कलश यात्रा में विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा स्वागत मंच लगाकर पुष्पवर्षा भी की। शोभायात्रा देपालपुर के विभिन्न मुख्य मार्ग से होते हुए कथा स्थल पर पहुंची जहां इस यात्रा का समापन हुआ। समापन के पश्चात साध्वी दीदी मां ने सभी भक्तों व श्रद्धालुओं को कथा का रसपान भी कराया।
गूंजे जय सियाराम के जयकारे-
आयोजक रामेश्वर गुड्डा पटेल ने बताया कि शोभायात्रा के समापन के पश्चात मंदिर प्रांगण में ही बने वातानुकूलित पांडाल में दीदी मां ऋतुंभरा साध्वी ने प्रथम दिन श्रीराम कथा का अलौकिक भाव-पूर्ण प्रसंग भक्तों को सुनाया। मंदिर परिसर में जहां एक ओर भक्त कथा का रसपान कर रहे थे तो वहीं दुसरी ओर युवा भी कथा में जय सियाराम के जयकारे लगाते हुए नजर आए।
15 हजार भक्तों ने ग्रहण की भोजन प्रसादी
शोभायात्रा व कथा समापन के पश्चात भक्तों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया था। जिसमें लगभग 15 हजार से अधिक भक्तों ने पुडी, रामभाजी व नुकती प्रसाद ग्रहण की।
जिसका लाइव प्रसारण भी किया जा रहा है। आयोजन स्थल पर कथा पांडाल, भोजन पांडाल, जूते-चप्पल स्टैंड के साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था भी भक्तों के लिए समिति द्वारा की गई है। कथा स्थल पर ही खोया-पोया केंद्र, दवाईयां, व संपर्क कार्यालय बनाया गया है ताकि किसी भक्त को किसी भी प्रकार की समस्या न हो।