भाजपा नेता ठाकरे के हत्यारों ताराचंद राठौड व उसके पुत्र सहित 7 को उम्र कैद

राजनीतिक वर्चस्व को लेकर पिता-पुत्र सहित सात लोगों ने ली थी जान, तीन हुए बरी।
सेंधवा।
बलवाडी में भाजपा नेता और बलवाड़ी मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे हत्याकांड में कोर्ट ने बुधवार को 7 आरोपियों को सजा सुनाई। इसमें बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ताराचंद राठौड़ और उसके बेटे तत्कालीन पंचायत सचिव दिग्विजय राठौड़ सहित 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं तीन आरोपियों को दोशमुक्त किया है। द्वितीय जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रूपेश नाइक ने केस की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है।
बता दे 20 मई 2019 को सेंधवा अंचल के बलवाड़ी में भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे की हत्या की गई थी। उनका शव बलवाड़ी-सेंधवा रोड पर राधा स्वामी भवन के पास सड़क से कुछ दूर खेत में मिला था। वह घर से मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। उनका सिर पत्थर से कुचला मिला था। उन पर धारदार हथियार से भी हमला किया था। ठाकरे के सिर, चेहरे और कान पर चोट के निशान और घटनास्थल पर खून से सना पत्थर मिला था।
उस समय मनोज ठाकरे की हत्या का मामला काफी गरमाया था। घटना के बाद भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम और धरना प्रदर्शन किया था। मनोज ठाकरे बलवाड़ी मंडल अध्यक्ष होकर पूर्व पशुपालन मंत्री अंतर सिंह आर्य और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष एस वीरा स्वामी के खास माने जाते थे।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री) भी घटना पर रोष जताते हुए बलवाड़ी पहुंचे थे। ठाकरे को श्रद्धांजलि देने के साथ ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा था। मामले में पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए हत्याकांड में शामिल भाजपा नेता तारांचद राठौड और उसके बेटे सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

राजनीतिक वर्चस्व को लेकर हुई थी हत्या
20 जनवरी 2019 को बलवाड़ी के भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे की हत्या राजनीतिक वर्चस्व के चलते की गई थी। इस हत्याकांड में पुलिस ने भाजपा के तत्कालीन अर्द्ध घुमक्कड़-घुमक्कड़ जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक ताराचंद राठौड़, बेटे तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव विजय उर्फ दिग्विजय राठौड़ सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने घटना को लेकर जानकारी दी थी कि ठाकरे के बलवाड़ी भाजपा मंडल अध्यक्ष बनने के बाद ताराचंद राठौर का धवली क्षेत्र में दबदबा और राजनीतिक रसूख कम होने लगा था। इसी के चलते दोनों में राजनीतिक वर्चस्व को लेकर तनातनी चल रही थी। इसी के चलते हत्या करवाई गई थी। मामले में 4 साल 4 माह बाद बुधवार को सेंधवा कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट के फैसले में ताराचंद राठौड़, विजू उर्फ विजय उर्फ दिग्विजय राठौड़, झगड़ियां पावला, नाना उर्फ नानू उर्फ कैलाश, अनिल डावर, रवि भील, कालू उर्फ करणसिंग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दिलीप भील, देवलिया उर्फ डोला भील, रेमू उर्फ रेनू भील को दोष मुक्त करते हुए बरी कर दिया है।
हत्याकांड में शामिल आरोपियों ने 20 जनवरी को सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले मनोज ठाकरे की पत्थरों से हमला कर हत्या कर दी थी। उसके बाद मौके से फरार हो गए थे। हत्याकांड का मुख्य आरोपी ताराचंद राठौर घटना के बाद भी बेखौफ होकर घूमता रहा। सड़क पर बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ धरना देने सहित वरला थाने के घेराव के दौरान भी मौजूद रहा। इतना ही नहीं तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बलवाड़ी पहुंचने के दौरान भी आरोपी ताराचंद राठौर और उसका बेटा दिग्विजय राठौड़ दोनों मंच पर मौजूद रहे।