प्रभु श्रीराम की तरह हमारे ह्रदय में भी पवित्र संकल्पों का अंकुरण होना चाहिए- पं. सत्यदेव
अंबिकापुरी स्थित खाटू श्याम मंदिर के रजत जयंती महोत्सव में रामकथा जारी
इंदौर । दुर्लभ मनुष्य जीवन हमें सदभाव, परमार्थ, सेवा और करुणा जैसे संकल्पों के लिए मिला है, न कि पशुओं की तरह आचरण करने के लिए। प्रभु श्रीराम की तरह हमारे हृदय में भी पवित्र संकल्पों का अंकुरण होना चाहिए। राम तो भारत भूमि की आत्मा है । राम के बिना भारत भूमि की कल्पना भी नहीं की जा सकती। राम और श्याम जैसे अवतारों ने ही हर युग में दुष्टों का विनाश किया है। खाटू वाले श्याम बाबा कलियुग के ऐसे देव हैं, जो हर भक्त पर, हर क्षण अपनी कृपा दृष्टि कर जीवन जीने का हौसला देते हैं।
एयरपोर्ट रोड, अंबिकापुरी स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर के रजत जयंती महोत्सव में राम कथा मर्मज्ञ आचार्य पंडित सत्यदेव शर्मा ने महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपाल दास के सानिध्य में ऐसी अनेक बातें कहीं। व्यासपीठ का पूजन विजय कालानी, विनोद मित्तल, पवन रामदास, कैलाश साबू, बाबूलाल वर्मा, हीरालाल कुमावत, सुमन शर्मा, रोशन कुमावत, जितेंद्र चौहान आदि ने किया। कथा में आज राम -जानकी स्वयंवर का उत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। इसके पूर्व भगवान राम के बाल्यकाल और विश्वामित्र द्वारा शिक्षा- दीक्षा का भावपूर्ण चित्रण भी किया गया। कथा में मनोहारी भजनों पर भक्तों के नाचने -गाने का क्रम पहले दिन से ही चल रहा है। महंत नीलू बाबा ने बताया कि मुख्य महोत्सव निर्जला एकादशी 31 मई को मनाया जाएगा।
रामचरित मानस की चौपाइयों के माध्यम से पं. शर्मा ने कहा कि धर्मग्रंथ हमारे भटके और सोए हुए समाज को सही राह पर ले जाते हैं। मानस, गोस्वामी तुलसीदास की ऐसी रचना है, जिसने हजारों वर्ष पूर्व हिंदू समाज को नई चेतना और ऊर्जा प्रदान की है। राम जैसा अदभुत चरित्र पूरी दुनिया में आज तक नहीं मिला, न ही रघुकुल जैसा परिवार। पुत्र, भाई, पति, शिष्य से लेकर योध्या और राजा तक की भूमिका में राम ने भारतीय समाज को मर्यादा और शालीनता का अदभुत एवं प्रेरक उपहार दिया है । परिवार और समाज की रक्षा आज के युग में राम के आदर्शों पर चलकर ही की जा सकती है।