सेंधवा। अक्षय तृतीया पर भगवान आदिनाथजी का इक्षु रस से अभिषेक
श्री श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ ट्रस्ट के प्रतापगंज स्थित श्री आदिनाथ जैन मंदिर में हुए आयोजन।

- श्री श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ ट्रस्ट के प्रतापगंज स्थित श्री आदिनाथ जैन मंदिर में हुए आयोजन।
सेंधवा।
श्री श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ ट्रस्ट के प्रतापगंज स्थित श्री आदिनाथ जैन मंदिर में अक्षय तृतीया के पुण्य एवं पावन दिवस पर समाज के श्रावक, श्राविकाएं एवं बच्चों ने पूजा के वस्त्रों में तीर्थंकर भगवान श्री आदिनाथजी की प्रतिमा जी का इक्षु रस से अभिषेक किया। श्री संघ ट्रस्ट के सचिव सुरेश बागरेचा ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्षय तृतीया जैन धर्म का महान धार्मिक पर्व है। इस दिन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेवजी ने तपस्या पूर्ण कर इक्षू रस से पारणा (पारायण) किया था। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान सत्य एवं अहिंसा का प्रचार करने एवं अपने कर्म बंधन को तोड़ने के लिए भौतिक एवं सांसारिक सुखों का त्याग कर जैन दीक्षा अंगीकार की। सत्य अहिंसा का प्रचार करते हुए कठोर एक वर्ष की। तपस्या करते हुए प्रभु हस्तिनापुर पधारे। जहां राजा सोमयश का शासन था। राजा के पुत्र राजकुमार श्रेयांश ने प्रभु को गन्ने के रस भिक्षा में दिया। इससे भगवान ने व्रत का पारणा किया। ईक्षु रस से तृतीय तिथि को पारणा करने से इसे इक्षु तृतीया अथवा अक्षय तृतीया कहा जाता है। जैन धर्मावलंबी वर्ष भर की कठोर तपस्या करके वर्षितप करते हैं एवं इसी अक्षय तृतीया को व्रत की पूर्णाहुति करते हैं। अभिषेक कार्यक्रम में जितेंद्र शाह, गुलाब भाई खोना, सुरेश बागरेचा, सह सचिव अभय नागडा, डॉक्टर किंशूक लालका, पवन शाह, प्रकाश खोना, जय सेठिया ,अंकुश लालका, हार्दिक बागरेचा एवं श्राविकाए उपस्थित थी।
