देवों, शास्त्रों और गुरू पर श्रद्धा से किस्मत कभी भी पलट सकती है – मुनि आदित्य सागर म.सा.
अंजनि नगर में श्रुत संवेगी मुनि संघ का मंगल प्रवेश – 23 अप्रैल तक प्रतिदिन होगे प्रवचन
इंदौर से विनोद कुमार की रिपोर्ट:—–
इंदौर । अपने देवों, शास्त्रों और गुरू पर श्रद्धा रखने वाले व्यक्ति और समाज का कभी भी अहित नहीं हो सकता। इन तीनों में इतनी शक्ति होती है कि हमारी किस्मत कभी भी पलट सकती है। पंच परमेष्टि पर विश्वास रखें और सत्य के मार्ग पर अडिग रहें तो व्यक्ति का कल्याण होकर रहेगा।
ये दिव्य विचार हैं प.पू. श्रुत संवेगी आदित्य सागर म.सा. के, जो उन्होंने सोमवार को अंजनि नगर चंद्रप्रभु मांगलिक भवन पर आयोजित धर्मसभा में उपस्थित समाजबंधुओं को आशीर्वचन देते हुए व्यक्त किए। इसके पूर्व सुबह नृसिंह वाटिका से अंजनि नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर तक भव्य मंगल प्रवेश जुलूस निकाला गया। बैंड-बाजों के साथ महिला मंडल और युवा मंडल के सदस्यों ने नाचते-गाते हुए प.पू. आदित्य सागर म.सा., मुनिश्री सहज सागर म.सा. एवं मुनिश्री अप्रमित सागर म.सा. की अगवानी की। मार्ग में समाज बंधुओं ने अपने-अपने घरों के सामने रंगोली सजाकर उनका पाद प्रक्षालन किया। संचालन अध्यक्ष देवेन्द्र सोगानी ने किया। प्रारंभ श्रीमती सरोज गोधा एवं श्रीमती पुष्पा झांजरी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। मंदिर समिति के संजय मोदी, अशोक टोंग्या एवं ऋषभ पाटनी ने बताया कि 23 अप्रैल तक प्रतिदिन सुबह 8.30 बजे से चंद्रप्रभु मांगलिक भवन अंजनि नगर पर मुनिश्री के नियमित प्रवचनों की अमृत वर्षा होगी। मुनिश्री 23 अप्रैल तक चंद्रप्रभु मांगलिक भवन पर ही विराजित रहेंगे।
मुनिश्री ने विनोद करते हुए अंजनि नगर के साथ अपने आत्मीय रिश्तों का उल्लेख भी किया और कहा कि ऐसा लगता है कि इंदौर शहर मेरा मायका है और अंजनि नगर मेरा ननिहाल। यहां आने के बाद लगता है कि मैं मेरे मामा के यहां आया हूं। मुनिश्री के इस आशीर्वचन का प्रवचन में उपस्थित आसपास की 15 कालोनियों के समाजबंधुओं ने जयघोष के साथ स्वागत किया।