शहर में एक शैक्षणिक संस्थान द्वारा अपनी तरह का पहला कार्यक्रम
ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल ने एस्ट्रोनॉमी करिकुलम लॉन्च किया

इंदौर, ।: भारत में अग्रणी के-12 स्कूल चेन ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल (ओआईएस) ने अपने छात्रों के लिए इंदौर में खगोल विज्ञान कोर्स शुरू करने की घोषणा की है। कैंपस में तारामंडल शो के माध्यम से अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु ग्रेड 3 से 8 तक के लिए यह कोर्स एक यूनिक शैक्षणिक दृष्टिकोण है। यह एक मोबाइल तारामंडल है, जो कि एक गुंबद के आकार का थिएटर है। इससे छात्रों को खगोल विषय पर व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने में मददगार आकाशीय इमेज और वीडियो भी देखने को मिलेंगे। आज स्कूल की मांगलिया शाखा में इसका अनावरण किया गया।
सीनियर करिकुलम प्लानर और खगोल विज्ञान टीम लीड श्री समीर माठे ने कहा, “एनईपी 2020 के अनुसार, यहां अनुभवात्मक शिक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है। हमें खगोल विज्ञान पाठ्यक्रम शुरू करने में काफी प्रसन्नता है, जिसमें सीखने के लिए सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों दृष्टिकोणों को शामिल किया गया है। यह छात्रों के कौशल विकास पहलुओं में मदद करने के साथ ही ऑब्जर्वेशनल स्किल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल, साइंटिफिक टेंपरामेंट, डेटा एनालिसिस और क्रिटिकल थिकिंग में भी काफी मददगार है।”
ऑर्किड्स एस्ट्रोनॉमी करिकुलम
ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल के खगोल विज्ञान पाठ्यक्रम को काफी सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है, ताकि युवा प्रतिभाओं को केवल पाठ्यपुस्तक पढ़ने की तुलना में कहीं अधिक आकर्षक तरीके से खगोल विज्ञान सीखने का अनुभव मिल सके। सेंट्रल एस्ट्रोनॉमी टीम, जिसमें अनुभवी खगोलविद और शिक्षक शामिल हैं। उन्होंने काफी ध्यानपूर्वक इस कोर्स को तैयार किया है।
क्लास प्रदर्शन – खगोल विज्ञान टीम द्वारा बनाए गए स्केल मॉडल्स और डिमोंस्ट्रेशन का इस्तेमाल करके कई घटनाओं की व्याख्या करने के लिए खगोल विज्ञान विभाग रुटीन क्लासरूम सेटिंग का लाभ उठाता है। टीम जटिल विषयों की व्याख्या करने के लिए सरल स्केल के मॉडल का उपयोग करती है, जैसे “ब्लैक होल ऐसे क्यों दिखाई देते हैं, इसके लिए उन्हें Google इमेज में दिखाया जाता है।”
स्पेस कैंप्स – आसमान साफ होने पर स्टारगेजिंग (तारों को निहारना) जरूरी है। छात्रों को शहर से थोड़ी दूर, स्पेस कैंप या ओवरनाइट स्टारगेजिंग ट्रिप्स पर ले जाया जाता है। स्कूल 6 इंच और 8 इंच के न्यूटोनियन टेलीस्कोप का इस्तेमाल करता है, जिसके माध्यम से छात्र ग्रहों, क्लस्टर्स, नेबुला और यहां तक कि आकाशगंगाओं का भी अवलोकन कर सकते हैं। यह कार्यक्रम केवल पाठ्यपुस्तकों को पढ़कर खगोल विज्ञान सीखने की तुलना में कहीं अधिक आकर्षक बना देगा।
ऑर्किड्स का खगोल विज्ञान क्लब एस्टोवर्स – उन छात्रों के लिए है, जो खगोल विज्ञान पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने के अलावा इस विषय को अधिक विस्तृत रूप से सीखने में रुचि रखते हैं। क्लब का उद्देश्य खगोल विज्ञान के बहुत सारे व्यावहारिक पहलुओं के बारे में सीधा परिचय कराना है। जैसे टेलीस्कोप हैंडलिंग, एडवांस्ड स्काई गेजिंग जैसे मेसियर कैटलॉग हंटिंग आदि करना।
इंदौर के मांगलिया स्थित ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल सुश्री नीलम टुटेजा ने कहा, “हम शहर में अपने तरह के पहले पाठ्यक्रम को लॉन्च करने के लिए काफी उत्साहित हैं। खगोल विज्ञान पाठ्यक्रम खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष के बारे में जिज्ञासा, विस्मय और आश्चर्य की भावना जगाने में मदद करेगा। यह बच्चों और युवाओं को स्टारगेजर बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए सक्षम बनाएगा। यह खगोलीय घटनाओं को देखने और हमारे दैनिक जीवन में होने वाली घटना को जानने में उनकी रुचि भी जगाएगा।”
ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल के विषय में
ऑर्किड्स- द इंटरनेशनल स्कूल भारत के अग्रणी अंतरराष्ट्रीय स्कूल चेन्स में से एक है, जिसने 2002 में हैदराबाद में अपनी पहली शाखा के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी। दो दशकों से भी कम समय में देश के 25 से ज्यादा बड़े शहरों – मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, गुरुग्राम, चेन्नई, कोलकाता, नागपुर, नासिक, इंदौर, औरंगाबाद में फैली इनकी शाखाओं की संख्या बढ़कर 90 हो गयी है। आधुनिक भौतिक बुनियादी ढांचे, व्यक्तिगत ध्यान और एक सावधानी पूर्वक क्यूरेटेड पाठ्यक्रम सभी ओआईएस स्कूलों में एकरूपता प्रदान करते हैं। ओआईएस अकादमिक उत्कृष्टता के साथ व्यक्तित्व विकास पर जोर देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण पद्धतियों से प्रभावित सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम का पालन करते हैं। वर्तमान में, इसमें 75000 से अधिक छात्र और 7000 से अधिक शिक्षण और शिक्षणेत्तर कर्मचारी हैं।
ऑर्किड्स का मुख्य गान है – “शेपिंग माइंड्स, टचिंग लाइव्स”।