हजारों दीपों से हुई अखंड धाम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद की महाआरती
Indore। बिजासन रोड स्थित अखंडधाम आश्रम पर चल रहे 55वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन में आज आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद की 55वीं पुण्यतिथि पर हजारों दीपों से महाआरती के पूर्व सैकड़ों भक्तों ने आजीवन किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने एवं भिक्षावृत्ति को प्रोत्साहित नहीं करने की शपथ ली। समापन बेला में आज संतों के लिए नगर निगम एवं चोइथराम नेत्रालय के सहयोग से निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर भी लगाया गया और 10 संतों का चयन मोतियांबिंद के आपरेशन के लिए किया गया।
अखंडधाम आश्रम पर अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन में आज समापन सत्र का आयोजन आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें सत्संग सत्र में वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश्वरानंद, स्वामी केशवानंद, साध्वी अर्चना दुबे, स्वामी नारायणानंद, अखंड परम धाम की साध्वी चेतन्य सिंधु, मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद, रतलाम के महामंडलेश्वर स्वामी स्वरूपानंद आदि ने स्वामी अखंडानंद से जुड़े प्रेरक संस्मरण भी सुनाए। भक्तों की ओर से समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, ठा. विजयसिंह परिहार, हरि अग्रवाल, विष्णु बिंदल, टीकमचंद गर्ग, बालकृष्ण छावछरिया, मोहनलाल सोनी, उज्जैन के निर्मल गुप्ता, देवास के मन्नूलाल गर्ग आदि ने स्वामी अखंडानंद के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। समापन अवसर पर देशभर से आए करीब 70 से अधिक संत-विद्वानों और सैकड़ों भक्तों ने स्वामी अखंडानंद के विग्रह पर हजारों दीपों से महाआरती कर श्रद्धा सुमन समर्पित किए।
सैकड़ों महिलाएं अपने-अपने घरों से दीप एवं थालियां सजाकर लाईं थी। ‘शिवोहम’ के उदघोष के बीच सभी भक्तों ने महामंडलेश्वर डॉ.स्वामी चेतन स्वरूप के आव्हान पर स्वयं भी नशे से दूर रहने और दूसरों को भी नशा नहीं करने के लिए प्रेरित करने तथा भिक्षावृत्ति को प्रोत्साहित नहीं करने की शपथ ली। प्रारंभ में आयोजन समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल, संयोजक निरंजनिसंह चौहान गुड्डू, संत राजानंद आदि ने सभी संतों एवं भक्तों का स्वागत किया। संचालन स्वामी नारायणानंद ने किया और आभार माना हरि अग्रवाल ने।
संतों के लिए मोतियाबिंद जांच शिविर – संत सम्मेलन के मौके पर आयोजित निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन नगर निगम एवं चोइथराम नेत्रालय के सहयोग से किया गया, जिसमें 80 संतों की आंखों का परीक्षण कर उनमें से 10 संतों का चयन मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए किया गया। इन सबके निःशुल्क ऑपरेशन चोइथराम नेत्रालय पर किए जाएंगे। शिविर में डाक्टर सरणेश गोयनार, डॉ. कृष्णा खुटाल, डॉ. पीयूष शर्मा एवं रितेश सोनी ने अपनी टीम सहित सेवाएं दीं। आश्रम कीओर से सभी चिकित्सकों का सम्मान किया गया।