लाव-श्कर के साथ भक्तों को दर्शन देने निकली मां पराम्बा
इंदौर, । जगह-जगह पुष्प वर्षा और मां के जयघोष के बीच बैंड-बाजों, नगाड़ों और शहनाईयों की सुर लहरियों पर थिरकते श्रद्धालु… सुसज्जित रथ पर सवार स्वर्ण मुकुट एवं अन्य अभूषणों से अलंकृत मां पराम्बा ललिता महात्रिपुर सुंदरी…. श्रद्धा और आस्था से लबरेज भक्तों में रथ को खींचने की होड़… एक स्वर्ण रथ पर आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी गिरिजानंद सरस्वती ‘ भगवन ’ का चित्र एवं पादुका… हाथों में गन्ने लिए मंगल कलशधारी महिलाएं… अश्वों पर सवार बालिकाओं के रूप में नौ देवियां और रथों पर विराजित देवी-देवताओं के श्रृंगार में नन्हे-मुन्ने बालक… वेद-वेदांग विद्यापीठ के 151 भूदेवों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार… सड़क के दोनों ओर मां के दर्शन के लिए आतुर भक्तों का सैलाब…
श्री श्रीविद्याधाम के 28वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सानिध्य में निकली भव्य शोभायात्रा का। आश्रम परिसर से प्रारंभ इस शोभायात्रा में भक्तों, विशेषकर महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता था। यात्रा के पूर्व आश्रम में दिनभर मां के मनोहारी श्रृंगार में अनेक वेदपाठी विद्वान जुटे रहे। रथ की साज-सज्जा भी गजब की थी। पूरे यात्रा मार्ग में भक्तों के बीच रथ को खींचने की होड़ लगी रही। आश्रम से प्रारंभ यात्रा कान्यकुब्ज नगर, 60 फीट रोड, सुखदेव नगर, कालानी नगर चौराहे से विमानतल मार्ग होते हुए पुनः मंदिर पहुंची तो भक्तों के सैलाब ने मानों आश्रम परिसर को छोटा बना दिया। अंचल के अनेक संत और विद्वान भी इस उत्सव के साक्षी बने। भक्तों द्वारा जगह-जगह पुष्प वर्षा और स्वागत के कारण यात्रा को पुनः मंदिर पहुंचने में तीन घंटे से अधिक का समय लग गया। आश्रम परिवार के सुरेश शाहरा, पं. दिनेश शर्मा, यदुनंदन माहेश्वरी, पूनमचंद अग्रवाल, राजेन्द्र महाजन, चंदन तिवारी, रमेश पसारी, रमेशचंद्र राठौर सहित अनेक श्रद्धालु पूरे समय व्यवस्थाएं संभाले रहे