गणेशजी प्रथम वंदनीय, उनकी पूजा के बिना किसी शुभ संकल्प की पूर्ति नहीं हो सकती
इंदौर, । गणेशजी ज्ञान और बुद्धि के साथ विवेक के भी देवता हैं। सच्चे मन से की गई उनकी आराधना कभी निष्फल नहीं होती। गणेश प्रथम वंदनीय हैं। विघ्न हर्ता के रूप में देवता भी उन्हें मान्यता देते हैं। बिना गणेशजी की पूजा आराधना के किसी शुभ संकल्प की पूर्ति नहीं हो सकती।
बड़ा गणपति पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ के सातवें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में हंस पीठाधीश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य में चल रही शिवपुराण कथा में भागवताचार्य पं. पवन तिवारी ने गणेश जन्म प्रसंग के दौरान उक्त दिव्य विचार व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व यजमान समूह के प्रवीण-मिलन सोनी, पं. पवनदास शर्मा, पं. योगेन्द्र महंत, श्रीमती वर्षा शर्मा, ज्योति शर्मा, महंत विजयरामदास, अमितदास, यजत्रदास, तिलक बाबा, चंदनदास त्यागी आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। कथा में हनुमान अवतार प्रसंग की भी व्याख्या की गई। भगवान शंकर का रूद्राभिषेक भी किया गया। गणेश जन्म का जीवंत उत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। भगवान गणेश की आरती महामंडलेश्वर एवं भागवताचार्य ने भी की।
लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में आहुतियां जारी – बसंतोत्सव के उपलक्ष्य में लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का शुभारंभ हंसपीठाधीश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य एवं आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में हुआ। संयोजक पं. पवनदास शर्मा ने बताया कि महायज्ञ में विष्णु सूक्त, पुरुष सूक्त एवं श्री सूक्त से आहुतियां समर्पित की गई। शनिवार को भी लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में आहुतियों का क्रम जारी रहा