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गिरी बापू ने दक्षिणा में तम्बाकू, गुटखा और मदिरा छोडने को कहा, सेंधवा में 9 दिवसीय शिव कथा का समापन।

सेंधवा।
रघुवंश पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आयोजित 9 दिवसीय शिव कथा के समापन दिवस पर रविवार को राष्ट्रीय संत पूज्य गिरी बापू व्यास पीठ से कहा कि गिरी बापू ने कहा कि दक्षिणा में मुझे तम्बाकू, गुटखा और मदिरा दे दें, यहीं कथा में आपका त्याग होगा, क्योंकि कथा जीवन को सार्थक बनाती है। अंतिम दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे थे। बता दे कि रघुवंशी परिवार के द्वारा स्कूल परिसर में अभी तक सात से भी अधिक धार्मिक कथाओं का आयोजन किया जा चुका है।
नौ दिवसीय कथा में कई जनप्रतिनिधि और समाजसेवियों सहित हजारों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर धर्म लाभ लिया। कथा समापन पर नगरवासियों ने सफलतम कथा आयोजन के लिए रघुवंशी परिवार को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। कथा आयोजन में जहां नौ दिनों तक श्रद्धालुओं के लिए बैठने के लिए उत्तम व्यवस्था की गई थी। वहीं सुबह-शाम भोजन प्रसादी वितरण की गई। वहीं बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की व्यवस्था की गई थी। व्यवस्थाओं को लेकर लोगों ने आयोजन की सराहना की।

सती के तप से प्रसन्न होकर शिव ने विवाह करने का वर दिया-
गिरी बापू ने कहा कि सती के तप से प्रसन्न होकर शिव ने उससे विवाह करने का वर दिया। विवाह के समय समस्त देवी-देवता सज धज कर आए लेकिन शिव भभूत लगाए सर्पों का आभूषण पहने एक शिला पर बैठे हैं। इस स्वरूप को देखकर देवता हंसने लगे। यह संदेश है कि दूसरों की न्यूनता देखकर हंसना पाप है।
अंत में देव गुरु बृहस्पति ने शिव वंदना गाई। आकाश आपकी विमल आकृति है। शिव की ध्वजा धर्म ध्वजा है, जिस पर नंदी की प्रतिमा है। दिशाएं कपट रहित होने का प्रतीक है, इसलिए शिव को दिगंबर कहते हैं। गिरी बापू ने कहा कि सर्प महादेव के आभूषण हैं। शिव के गले में सर्प यह संदेश देते हैं कि वर्तमान में सत्कार्य करो क्योंकि मृत्यु का आना निश्चित है। सद विचारों का विस्तार कल्याणकारी है। इस धरती पर आए हैं तो सत्कर्म करें। जीवन पानी का बुलबूला है। मृत्यु एक दिन आना निश्चत है, इसलिए कल की नहीं आज की चिंता करें।

कथा समापन पर शिव पुराण को शिरोधार्य कर ले जाते महेष रघुवंशी, साथ में है गिरी बापू व अन्य।

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